बुधवार, 1 जुलाई 2020

बनो गीत: पारिवारिक विवाह गीत

विद बनड़ी राणी .....😘😘😍😍

बनड़ी री अनोखी डिमांड देखो इण बन्ना गीत में 🙄🙄🙄....

बना ओ समदरीयै हिंडो घलाय दो 
तणियां लगवाय दो वासक नाग री 
बनी ओ  कुळ में होवै सोई मांग लो
तणियां नही लागै वासक नाग री ... ..

बना ओ समदरीयै ढोलियो ढळाय दो 
तकिया लगवाय दो मगरमच्छ रा
बनी ओ कुळ.....
तकिया नही लागै मगरमच्छ रा 

बना ओ धरतो केरो घाघरो  सिलाय दो 
मगजी लगवाय दो चलती रेल री 
बनी ओ ...
मगजी नही लागै चलती रेल री 

बना ओ  आभा केरो ओढणो मंगवाय दो
गोटो लगवाय दो चम्मक बिजळी 
बनी ओ... 
गोटो नही लागै चम्मक बिजळी

बना ओ साटन रो पोलको सिवाय दो 
बटण लगवाय दो सूरज चांद रा 
बनी ए कुळ में होवै सोई ....
बटण नही लागै सूरज चांद रा
  • कविता
    प्रेम*

प्रेम पर सबसूं बत्तो रचिजियो
पण प्रेम सदीव कमती रैयो

हर कोई प्रेम चावै
पण दूजो प्रेम करै
ओ मन नीं भावै

प्रेम री खोज अंंतहीण
प्रेम ई अंतहीण

ज्यां सोधै त्यां तिरपत
ज्यां तिरपत त्यां तिरसो

प्रेम रै मन
प्रेम नीं भावै
प्रेम कैवे'क
थूं फगत म्हारो


प्रीत नैं रीत नीं भावै
रीत में नीरस हु जावै

दुनिया नैं प्रीत नीं सुहावै
वा मारखणी हो जावै

प्रेम कैवे
नैङो रैय
ओरूं नैङो
ओरूं...
गै'रो प्रेम गळौ टूंपै
टूंपिजतो प्रेम
मंदो हु जावै


बात रा छांटा
प्रेम रा छांटा
बात करो...
बात करो..
बात करो...

प्रेम घटना शाश्वत
प्रेम पर प्रहार भी शाश्वत

प्रेम
ज्यूं-ज्यूं बधै
टोक बधै
रोक बधै
सो क्यूं पछै
बधर जावै

..... किरण राजपुरोहित 

गुरुवार, 2 मार्च 2017

राजस्थान रा रीत_ रिवाज

विवाह रा रिवाज__ #ढोलटीकणो __ब्याव हुयां पछै आ  रीत है जिणमें कुळ या गांव ढोलीजी नै विदाई दी जावै ।  इण पछै विवाह आयोजन संपूरण हुवै। नवा बीनणी ढोल रै साखियो मांडनै तिलक करै , नेग_मुकलावा  रो बेस चढावै अर  बीनणी  पगै लागै तद ढोलण जी_ढोली जी  सुभराज करै । इण समै बीनणी पैली बार सासरा मांय घूमर करै अर आपरी इण कला सूं खूब जस लेवै। अवांरना_वारणा रै रूपियां  सूं ढोली जी झोळी भरै । अन्न ,धन,वस्त्र री उणनै मनचावी सीख देयीजै।
इणी भांत नाई_खवास जी, फूल मालण जी ,मेहतराणीजी नै इ ब्याव री सीख दिरीजै ।
राजस्थान में ब्याव रै टांणै मांय समाज रै हर अंग री पूरी भूमिका होवै । सगळा एकै दूजां सूं गूंथिजीयोड़ा व्है आ हरख री बात है।


गुरुवार, 16 फ़रवरी 2012

kvita

अडीक मांय थांरी
वंदनमाळ दांई विछगी
म्है ठळगट,
ना मांयनै ना बारै
ना थारै मांय ना म्हारै मांय
इब खुद मांय उतरुं
कै भाज पडूं उण पथ दिस
जठीनै दीसै उडती रंज !!

बुधवार, 15 फ़रवरी 2012

किरणां कियां आजाद लैरावै
जद सूरज पड़यो अंधारै रै गिरवी
सांच सुणै तौ सांच बोलै
कागला रै कांई काजळ घालै
मन सूं मन कांई गीत  जगावै
रागां  नै जद मून बणा ली कैदी
कलम घिसाई पाना रंगै
भणै सुणै अर बीत जावै
कीकर करांति आवै जद
अरथ अनअरथ करै मनमानी
कलम घिसाई  पाना रंगै
भणै सुणै अर बीत जावै
कीकर करांति आवै जद
अरथ अनरथ करै मनमानी
घटनावां फकत  तारीख कैवावै
लोग मरै गिणती में रळ जावै

गुरुवार, 22 सितंबर 2011



  
uFk  txpkoks jktLFkkuh cuks
uFk NksVh uFk NksVh uFk gydknkj &2

uFk ek;yks ghjks Egkjs cuk js mf.k;kj
fljnkj cuk mejko cuk
,d ukjaxh uS nks; t.kk iko irklk us P;kj t.kk &2
erh cksyks owthlk Fks vkMk MksMk cksy
Fkkjka tk;ksM+k yk;k EgkjS ewaxk eksy
fljnkj------ P;kj t.kk
uFk------
  
erh cksyks HkkHkhlk  Fks vkMk MksMk cksy
Fkkajk nsojlk yk;k Egkjs ewaxk eksy
fljnkj-----P;kj t.kk
uFk------

erh cksyks ckbZlk Fks vkMk MksMk cksy
Fkkjka ohjkslk Egkjs yk;k eawxk eksy
fljnkj------P;kj t.kk
uFk NksVh -------


शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

थांरो आवणो स्यात्--

थांरो आवणो स्यात्--

अेक सुवास सी
चेतावती लागै
सुधबुध नै
फड़फड़ा र मुळकया
सनेसा सगळा
हिलोरा लेवै
निंदेळा आळा
 आ आ र उतरवा लागा
केई छिण
मन रे आंगणै
बातां होवै यादां में
देखी अदेखी
सुणी अणसुणी सी
निजरां खिड़कावै
अतीत रा दुवार,
आ रया हो स्यात्
थै म्हारै कनै!!!-किरण राजपुरोहित nitila