रविवार, 4 जुलाई 2010

बना ओ बेगी बेगी जोई रज री बाट

राजस्थान में ब्याव बिना गीतां रे पूरा नी व्है ।ओ कैवां तो घणो सही है क   कोई भी उछब तीज.तिवांर  ,झडूलो, सगाई, सीख. बधावणो ,देवी देवता, हर मौके रे जोग रसीळी रागां  में गीत मौजूद है । इण में हरजस, भजन , रातीजोगा रा गीत, बना..बनी रा गीत, दिनूंगै रा गीत अर केई तरै रा गीत सामिल है। ब्याव रै मौके हर रीत रै गीतां रे सागै बना इ गाइजै जिका ब्याव में खासो उछाव भर दै । इण बना रै  भंडार में सूं  एक ओ बनो है ....
बना ओ बेगी बेगी जोई रज री बाट

बना ओ बेगी बेगी जोई रज री बाट
मोड़ा ओ  किस विध   आविया जी म्हारा राज
बनी गयो थो जोशीजी रे पास
लगन लिखाविया  जी   म्हारा राज
बना ओ लगन लिखावै थारां बाबोसा
भंवर चिंता क्यूं करो जी म्हारा राज
बना ओ मेष अंधारी रात
गळयां मे डरपो एकला जी म्हारा राज
ना ए बनी  नाइजी रो बेटो रज रे साथ
चरागां रो चांनणो जी म्हारा राज ॥

बना ओ बेगी बेगी जोइ रज री बाट
मोड़ा  किस विध आविया जी म्हारा राज
बनी गयो थो सिरोया रे हाट
चुड लो चिरावियो जी म्हारा राज
बना ओ चुड लो चिरावै थारां काकोसा
भंवर चिंता क्यूं करोजी म्हारा राज
बना..........राज॥

बना ओ बेगी बेगी जोइ रज री बाट
 मोड़ा  किस विध आविया जी म्हारा राज
बनी गयो थो पाटुड़ा  रे हाट
पडलो मोलाविया जी म्हारा राज
बना ओ  पडलो मोलावै थारां मामोसा
भंवर चिंता क्यूं करो जी  म्हारा राज
बना......राज॥

बना ओ बेगी बेगी जोइ रज री बाट
मोड़ा  ओ किस विध आविया जी म्हारा राज
बनी गयो मोचिया रे हाट
मोजरियां मोलाविया जी म्हारा राज
बना ओ मोजरियां मोलावे थारां वीरोसा
भंवर चिंता क्यूं करोजी म्हारा राज
बना........राज ॥

बना ओ बेगी बेगी जोइ रज री बाट
 मोड़ा ओ किस विध आविया जी म्हारा राज
  बनी गयो थो बजाजी रे हाट
वरियां मोलाविया जी म्हारा राज
बना ओ वरियां मोलावे थारां जीजोसा
भंवर चिंता क्यूं करो जी म्हारा राज
बना ओ मेष अंधारी रात
सैंरा में डरपो एकला जी म्हारा राज
ना ए बनी नाईजी रो बेटो म्हारे साथ
चरागां रो चांनणो जी म्हारा राज ॥

5 टिप्‍पणियां:

  1. हुकम, आपरौ राजस्थानी ब्लोग देख’र मन घणौ राजी व्हियौ सा :)

    चोखो कलेक्शन भेळौ कर्‌यौ छै. आशा करूं कै आप इब राजस्थानी कवितावां अर कहाणिया लिख’र राजस्थानी साहित नै आपरै हुनर सूं पावन करौला.

    जै राजस्थानी!
    जै माता राणी भटियाणी!!

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  2. समझ नहीं आया अभी तो कुछ पर कोशिश जारी रहेगी धन्यवाद

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  3. आपरो ओ संग्रह घणो चोखो लागो,धन्यवाद

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  4. जै माता राणी भटियाणी!!
    .
    .
    भाटी दशरथ सिंह, रामसीन

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