वीरो....
वीरोसा उंची चढी नै नीची उतरुं जी
वीरोसा जोउं म्हारा जामण जाया री बाट जी
ओ जामण रा जाया
वारि ओ फुलड़ा रा भारा
इणने ओसरिये वेगा आवजो
1 वीरोसा चुदड़ी ओढुंला घर री दामां री
वीरोसा कड़ुम्बा में राखूं थारी सोभा ओ
जामण रा जाया
वारि ओ म्हारा उगन्ता सूरज
इणने ओसरिये वेगा आवजो।।
2 वीरोसा चुड़लो पैरुंला घर रै दामां रो
वीरोसा देराणियां जेठाणियां में सोभा जी थांरी
जामण रा जाया
वारि ओ फुलड़ा रा भारा
इणने ओसरिये वेगा आवजो।।
3 वीरोसा मायरो पैरुंला घर रै दामां रो
वीरोसा भरिये हाथां में सोभा थांरी ओ
जामण रा जाया
वारि ओ उगन्ता सूरज
इणने ओसरिये वेगा आवजो।।
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bahut hi badiya. mahilaon dwara vishesh mokon par gaye jane wale geeton ko aap jo sab tak pahuncha rahi hain bahut hi umda prayash hai. badhai.
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