बुधवार, 8 सितंबर 2010

वीरो....

वीरो....

वीरोसा उंची चढी नै नीची उतरुं जी
वीरोसा जोउं म्हारा जामण जाया री बाट जी
ओ जामण रा जाया
वारि ओ फुलड़ा रा भारा
इणने ओसरिये वेगा आवजो

  1  वीरोसा चुदड़ी ओढुंला घर री दामां री
    वीरोसा कड़ुम्बा में राखूं थारी सोभा ओ
जामण रा जाया
वारि ओ म्हारा उगन्ता सूरज
इणने ओसरिये वेगा आवजो।।
2    वीरोसा चुड़लो पैरुंला घर रै दामां रो
     वीरोसा देराणियां जेठाणियां में सोभा जी थांरी
     जामण रा जाया
     वारि ओ फुलड़ा रा भारा
     इणने ओसरिये वेगा आवजो।।
3    वीरोसा मायरो पैरुंला घर रै दामां रो
     वीरोसा भरिये हाथां में सोभा थांरी ओ
     जामण रा जाया
     वारि ओ उगन्ता सूरज
     इणने ओसरिये वेगा आवजो।।

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