वीरो गीत
बैन पूछे-
वीरा ओ कटोड़ा री बाळद सइया उमरीजै
वीरा ओ कटोड़ा में घूरिया रे किसाण?
जामण रो जायो आवियो जी !!
वीरा पडूत्तर देवे-
बाई ऐ बासनीगढ़ सूं बाळद सईंया उमरीजी
बाई ऐ खाराबेरा गढ में घूरिया रे किसाण
जामण रो जायो आवियो जी
वीरा ओ आडा तो फिरे न किरण बाई पूछियो जी
वीरा ओ बाळदड़ी में कांई कांई लाविया जी ?
वीरो-
बाई ऐ आदा में चुड़ा ऐ बाई चूनड़ीजी
आदा में चूड़ा री मजीठ जामण रो जायो आवियो जी
वीरो -
बाई ऐ! मिल म्हारी बेनड़ नैण झकोळ
जामण रा जाया आविया जी
बैन-
नैणा म्हारे काजळया री रेख
नैण झकोळया ना सरे!
वीरो-
बाई ऐ! मिल म्हारी बेनड़ बांस मरोड़
माता रो जायो आवियो जी
बैन-
वीरा ओ !बास्यां म्हारे चुड़लो हस्ती दांत रो
बांस मरोड़या ना सरे!
वीरो-
बाई मिल म्हारी बेनड़ हिवड़ो हिलोळ
जामण रो जायो आवियो जी!
बैन-
बीरा ओ! हिवड़ै म्हारे नवसर हार
हिवड़ेा हिलाळयां ना सरे!
वीरो-
बाई ऐ! मिल म्हारी बेनड़ कड़ियां निवाय
मातासा रो जायो आवियो
बैन-
वीरा ओ कड़ियां म्हारे लाडलपूत
कड़ियां झुकायां ना सरे!
बीरो-
मती करो बाईसा पूतां रो गुमाण
पूत पराया व्हे जासी जी!
मती करो बाईसा धीवां रो गुमाण
धीव साजनिया ले जासी जी !
बाळद - बैलो की पूरी सवारी जो पहले यात्रा का साधन थी ।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
गणेश चतुर्थी की बधाई
हमीरपुर की सुबह-कैसी हो्गी?
ब्लाग4वार्ता पर-पधारें